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Showing posts from March, 2018

आप बताईये उसे कौन सा कमरा चुनना चाहिए.

दिमागी कसरत – सजा ए मौत एक अपराधी को मौत की सजा सुनाई जाती है.  उसे तीन कमरे दिखाये जाते हैं और मौत का तरीका चुनने को कहा गया.  पहला कमरा जहरीले सांपो से भरा है.  दुसरे कमरे शार्प शूटर है जो कि पूरी तरह से हथियारो से तैनात है.  तीसरे और आखरी कमरे मे शेर है जिसको तीन साल से खाना नही मिला है.  तो आप बताईये उसे कौन सा कमरा चुनना चाहिए. जवाब- तीसरा कमरा..क्युकि शेर को तीन साल से खाना नही मिला है तो अब तक वो मर गया होगा. यह पोस्ट कोपीराईट है- उलझेंगे तो सुलझेंगे भी, उलझेंगे ही नहीं तो सुलझेंगे कैसे? पर उलझे ही रहने में भी किसी किसी को सुख महसूस होता है और कुछ लोग इस डर से कि रहने दो, कौन उलझे, जिन्दगी भर / अन्त तक दुविधा में ही पड़े रहते हैं । अपनी अपनी प्रकृति है, कोऊ काहू में मगन, कोऊ काहू में मगन ! किन्तु कुछ लोग सिर्फ इसलिए भी उलझन में फँसे रहते हैं क्योंकि वे यथार्थ से पलायन करना चाहते हैं, यथार्थ को देखना तक नहीं चाहते । यथार्थ को जानना / समझना भी उन्हें अनावश्यक झमेला प्रतीत होता है ! सुविधापसंद ऐसे लोग भी अपने तरीके से सुखी / दुःखी होने के लिए मज़बूर / स्वतंत्र तो होते ही हैं !   ज्या

कोई भी यात्री बस मे चढ़ा नही। बताईए बस ड्राईवर की उम्र कितनी है???

प्रश्न – मान लीजिए, आप एक बस चला रहे हैं। पहले स्टाॅप पर चार यात्री बस मे चढ़े और दो यात्री उतरे। दूसरे स्टाॅप पर सात यात्री बस मे चढ़े और एक यात्री उतरा। अगले स्टाॅप पर सिर्फ पाॅच यात्री उतरे और कोई भी यात्री बस मे चढ़ा नही। बताईए बस ड्राईवर की उम्र कितनी है??? जल्दी हार मत मानिए। जी भर प्रयास करने के बाद ही उत्तर देखे, और हां अपने दोस्तो से शेयर करना ना भूले। उत्तर – जितनी उम्र आपकी है। क्योकि बस तो आप ही चला रहे थे। प्रश्न की पहली लाईन पढ़े। यह पोस्ट कोपीराईट है- उलझेंगे तो सुलझेंगे भी, उलझेंगे ही नहीं तो सुलझेंगे कैसे? पर उलझे ही रहने में भी किसी किसी को सुख महसूस होता है और कुछ लोग इस डर से कि रहने दो, कौन उलझे, जिन्दगी भर / अन्त तक दुविधा में ही पड़े रहते हैं । अपनी अपनी प्रकृति है, कोऊ काहू में मगन, कोऊ काहू में मगन ! किन्तु कुछ लोग सिर्फ इसलिए भी उलझन में फँसे रहते हैं क्योंकि वे यथार्थ से पलायन करना चाहते हैं, यथार्थ को देखना तक नहीं चाहते । यथार्थ को जानना / समझना भी उन्हें अनावश्यक झमेला प्रतीत होता है ! सुविधापसंद ऐसे लोग भी अपने तरीके से सुखी / दुःखी होने के लिए मज़बूर / स्वतंत्

आप बता सकते हैं कि ये हत्या है या आत्महत्या?

पुलिस ने जब एक अपराधी के घर का दरवाजा तोड़ा तो उसे वहाॅ एक व्यक्ति की लाश फाॅसी पे लटकी हुई मिली और कमरे मे चारो तरफ सिर्फ पानी ही पानी था। कमरे मे आने जाने का एकमात्र रास्ता वही दरवाजा था जिसे तोड़कर पुलिस वाले अंदर आए थे जो कि अंदर से बंद था। कमरे मे एक भी कुर्सी,टेबल या ऐसा कुछ भी नही था जिसपे चढ़ के फाॅसी लगाया जा सके। सब सोच मे पड़े हैं कि ये हत्या है या आत्महत्या। कोई भी कुछ भी पूरे विश्वास से नही कह पा रहा है। क्या आप बता सकते हैं कि ये हत्या है या आत्महत्या? उत्तर जानने के लिए कमेंट बाक्स मे कमेंट करें और अपने दोस्तों से शेयर करें। उत्तर- आत्महत्या . जैसा कि बताया गया है , कमरे मे आने जाने का एक ही रास्ता था जो कि अंदर से बंद था और पूरे कमरे मे पानी के अलावा कुछ भी नही था. उसने बर्फ के बड़े टुकड़े पर खड़े होकर फाॅसी लगाया और पुलिस के आने के पहले बर्फ पिघल गई जिसकी वजह से कमरे मे पानी फैल गया. यह पोस्ट कोपीराईट है- उलझेंगे तो सुलझेंगे भी, उलझेंगे ही नहीं तो सुलझेंगे कैसे? पर उलझे ही रहने में भी किसी किसी को सुख महसूस होता है और कुछ लोग इस डर से कि रहने दो, कौन उलझे, जिन्दगी भर / अन्त त

वो ऐसी कौनसी चीज़ है जिसे खरीदा तो खाने के लिए जाता है लेकिन कभी खाया नहीं जाता है?

सवाल 1 : जब मैं चार से साल का था तो अपने भाई से दुगनी उमर का था. अब मैं 18 साल का हू तो मेरे भाई की क्या उम्र होगी? सवाल 2 : एक ऐसा शब्द बताइए जिसका पहला अक्षर काट दें तो भगवान का नाम, मध्य काट दें तो फल का नाम और अंतिम काट दे तो शस्त्र का नाम बन जाता है? सवाल 3 : दो घरों मे आग लगी है जिसमें से एक घर अमीर का है और दूसरा घर एक ग़रीब का है. बताइए कि पुलिस पहले कौनसे घर की आग को बुझाएगी? सवाल 4 : वो ऐसी कौनसी चीज़ है जिसे खरीदा तो खाने के लिए जाता है लेकिन कभी खाया नहीं जाता है? उत्तर देखने के पहले खुद की बुद्धिमत्ता शक्ति का प्रयोग अवश्य करें। और हां अपने दोस्तो से शेयर करना ना भूलें। उत्तर : जवाब 1 : 16 वर्ष। जवाब 2 : आराम। जवाब 3 : पुलिस आग को बुझाने का काम ही नही करती है। जवाब 4 : प्लेट, खाने के लिए लेते है लेकिन उसे खाया नहीं जाता। यह पोस्ट कोपीराईट है- उलझेंगे तो सुलझेंगे भी, उलझेंगे ही नहीं तो सुलझेंगे कैसे? पर उलझे ही रहने में भी किसी किसी को सुख महसूस होता है और कुछ लोग इस डर से कि रहने दो, कौन उलझे, जिन्दगी भर / अन्त तक दुविधा में ही पड़े रहते हैं । अपनी अपनी प्रकृति है, कोऊ काहू

इन तीनो की अपनी उम्र कितनी है?

प्रश्न- एक पार्क मे दादा, पोता (बच्चा) और पिता साथ मे बैठे हैं। तीनो की उम्र मिलाकर 140 वर्ष है। पोता जितने महीने का है, दादा उतने साल का है। पोता जितने दिन का है, पिता उतने सप्ताह का है। अब बताईए इन तीनो की अपनी उम्र कितनी है? जनाब यूं ही उत्तर ना देखें। अपनी अक्ल पे थोड़ा जोर डालें और अपने दोस्तों से भी शेयर करें। उत्तर – दादा की उम्र 84 वर्ष, पिता की उम्र 49 वर्ष और पोता/ बच्चे की उम्र 7 वर्ष। यह पोस्ट कोपीराईट है- उलझेंगे तो सुलझेंगे भी, उलझेंगे ही नहीं तो सुलझेंगे कैसे? पर उलझे ही रहने में भी किसी किसी को सुख महसूस होता है और कुछ लोग इस डर से कि रहने दो, कौन उलझे, जिन्दगी भर / अन्त तक दुविधा में ही पड़े रहते हैं । अपनी अपनी प्रकृति है, कोऊ काहू में मगन, कोऊ काहू में मगन ! किन्तु कुछ लोग सिर्फ इसलिए भी उलझन में फँसे रहते हैं क्योंकि वे यथार्थ से पलायन करना चाहते हैं, यथार्थ को देखना तक नहीं चाहते । यथार्थ को जानना / समझना भी उन्हें अनावश्यक झमेला प्रतीत होता है ! सुविधापसंद ऐसे लोग भी अपने तरीके से सुखी / दुःखी होने के लिए मज़बूर / स्वतंत्र तो होते ही हैं !   ज्यादातर लोगों को मुश्किल

आप 30 सेकंड का टाईम मापकर सिग्नल कैसे देंगे??

प्रश्न – आपके पास एक रस्सी है जो जलाने पर एक मिनट मे जल के राख हो जाएगी। आप एक रेलवे स्टेशन पर खड़े हैं। स्टेशन मास्टर नही है और ट्रेन आने वाली है और ठीक 30 सेकंड बाद ट्रेन को सिग्नल देना है पर आपके पास घड़ी नही है। आपके पास सिर्फ रस्सी और माचिस है। बताइए आप 30 सेकंड का टाईम मापकर सिग्नल कैसे देंगे?? और अगर आपके पास दो रस्सियां हैं और आपको 45 सेकंड मापना है तो कैसे मापेंगे? शेयर करके अपने दोस्तो से भी ये सवाल करें। उत्तर – 30 सेकंड मापने के लिए रस्सी को दोनो सिरों से जला देंगे। चूंकि रस्सी एक मिनट मे जलती है तो दोनो सिरो से जलाने पर ठीक आधे मिनट यानि कि 30 सेकंड के बाद दोनो सिरो की आग आपस मे मिल जाएगी और रस्सी रस्सी पूरी जल जाएगी। 45 सेकंड मापने के लिए एक रस्सी का दोनो सिरा जलाएंगे और दूसरी रस्सी का एक सिरा। जब दोनो सिरो से जलाई गई रस्सी जल जाएगी 30 सेकंड पूरे हो चुके होंगे। उसी वक्त दूसरी रस्सी का दूसरा सिरा भी जला देंगे। इस तरह 15 और सेकंड बाद यानि कि 45 सेकंड मे यह पूरी क्रिया संपन्न होगी। यह पोस्ट कोपीराईट है- उलझेंगे तो सुलझेंगे भी, उलझेंगे ही नहीं तो सुलझेंगे कैसे? पर उलझे ही रहने

सिर्फ दो बार तराजू का इस्तेमाल कर के आप नकली सिक्के की पहचान कैसे करेंगे???

प्रश्न – मान लिजिए आपके पास 8 सिक्के हैं। सारे सिक्के देखने मे बिलकुल एक जैसे हैं लेकिन उनमे से एक सिक्का नकली है। नकली सिक्का बाकी के सिक्को से थोड़ा भारी है। आपके पास एक तराजू है किंतु बाट नही है। तराजू पर आप केवल दो ही बार ही तौल सकते हैं। तो बताइए सिर्फ दो बार तराजू का इस्तेमाल कर के आप नकली सिक्के की पहचान कैसे करेंगे??? उत्तर देखने से पहले अपने बुद्धिबल का प्रयोग करें और अपने दोस्तो से भी शेयर करें। उत्तर– पहले तीन-तीन सिक्के निकालकर तराजू के पलड़ो पर रखें। अगर दोनो पलड़े बराबर हैं तो इसका मतलब बाकी बचे दो सिक्को मे एक नकली सिक्का है। अब उन दोनो सिक्को को एक-एक पलड़े मे रखकर तौलें जो पलड़ा भारी होगा उस पर रखा सिक्का नकली होगा। लेकिन अगर तीन-तीन सिक्के रखने पर एक पलड़ा भारी हुआ तो उस पलड़े मे रखे तीन सिक्को मे से एक सिक्का नकली होगा। अब उन तीन सिक्को को लेकर उन मे से दो को एक-एक पलड़े पर रखे अगर दोनो पलड़े बराबर हुए तो तीसरा बचा हुआ सिक्का नकली है। और दोनो मे से एक पलड़ा भारी हुआ तो भारी पलड़े वाला सिक्का नकली है। यह पोस्ट कोपीराईट है- उलझेंगे तो सुलझेंगे भी, उलझेंगे ही नहीं तो सुलझेंगे कैसे

चाॅकलेट्स को उन बाक्स मे इस ढ़ंग से रखे कि किसी भी संख्या मे चाॅकलेट मांगे जाने पर वह सीधे बाक्स ही दे

एक आदमी अपनी छोटी बहन के लिए 1000 चाॅकलेट्स और 10 खाली बाक्स लेकर आता है।वह अपनी बहन से कहता है कि वह उन चाॅकलेट्स को उन बाक्स मे इस ढ़ंग से रखे कि किसी भी संख्या मे चाॅकलेट मांगे जाने पर वह सीधे बाक्स ही दे, बाक्सेस को बिना खोले और उसमे चाॅकलेट की संख्या कम या ज्यादा किए बिना।अगर उसने ऐसा कर लिया तो सारे चाॅकलेट्स उसके हो जाएंगे।अगर आप उसकी जगह पर हों तो इस मुश्किल को कैसे हल करेंगे। उत्तर तो हमने नीचे दिया है, पर उत्तर देखने के पहले आप अपने दिमाग के घोड़े जरूर दौड़ाएं। उत्तर- चाॅकलेट्स को हम बाक्स मे कुछ इस तरह से रखेंगे, बाक्स 1 = 1चाॅकलेट बाक्स 2 = 2 चाॅकलेट बाक्स 3 = 4 चाॅकलेट बाक्स 4 = 8 चाॅकलेट बाक्स 5 = 16 चाॅकलेट बाक्स 6 = 32 चाॅकलेट बाक्स 7 = 64 चाॅकलेट बाक्स 8 = 128 चाॅकलेट बाक्स 9 = 256 चाॅकलेट अब बची हुई चाॅकलेट्स यानि कि 489 चाॅकलेट्स को हम बाक्स नंबर 10 मे रख देंगे।अब आप कोई भी संख्या मे चाॅकलेट चाहेंगे तो आपको बाक्स मिलेंगे, उनमे रखे चाॅकलेट्स मे बिना किसी हेर फेर के।अपने दोस्तो से इस पोस्ट को शेयर कर उनका भी बुद्धि परीक्षण करें। यह पोस्ट कोपीराईट है- उलझेंगे तो सुलझेंग

चोरों ने कुल कितने हीरे चुराए थे।

चोरों ने कुल कितने हीरे चुराए थे। सात चोरों ने मिलकर चोरी की और हीरे चुराए।हीरे चुराकर वो जंगल मे भाग गए। चोरों ने रात जंगल मे ही बिताने का फैसला किया। रात को सारे चोर सो गए तो दो चोर उठे और उन्होने फैसला किया कि वो दोनो हीरों को आपस मे बराबर बांटकर भाग जाएंगे। जब उन्होने हीरे बांटे तो आखिर मे एक हीरा बच गया। फिर उन दोनो ने तीसरे चोर को उठाने का फैसला किया और फिर बंटवारा किया। इस बार फिर आखिर मे एक हीरा बच गया। अब उन तीनो ने चौथे चोर को उठाने का फैसला किया और फिर बराबरी का बंटवारा शुरू किया। इस बार फिर आखिर मे एक हीरा बच गया। अब उन्होने पांचवे चोर को उठाया और फिर वही समस्या और आखिर मे छठें और सातवें चोर को भी उठाया गया। सातवें चोर को उठाने के बाद हीरे सातों चोरों मे बांट लिए गए। अब बताइए कि चोरों ने कुल कितने हीरे चुराए थे। उत्तर देखने के पहले एक बार उत्तर ढ़ूंढ़ने का प्रयास जरूर करें और अपने दोस्तों से भी शेयर करें। उत्तर- 301 हीरे

क्या आपको पता चला कि कौन से चोर ने कौन सी कार चुराई है?

क्या आपको पता चला कि कौन से चोर ने कौन सी कार चुराई है? तीन कारें-एक अल्टो कार, एक जेन कार और एक नैनो कार चोरी हो गई। पुलिस को अरूण,वरूण और कार्तिक नाम के तीन लड़कों पर शक है। तीनों ने एक-एक कार चुराई है। पुलिस के पूछताछ करने पे तीनो ने कुछ इस तरह जवाब दिए- अरूण -वरूण ने अल्टो कार चुराई है। कार्तिक -वरूण ने जेन कार चुराई है। वरूण -ना तो मैने अल्टो चुराई है और ना ही जेन। जाॅच पड़ताल करने पे पता चला कि जिसने अल्टो चुराई है वह सच बोल रहा है। क्या आपको पता चला कि कौन से चोर ने कौन सी कार चुराई है? जनाब उत्तर तो हमने दिया है पर बिना कोशिश किए हार मत मानिएगा। और अगर ये पोस्ट आपको अच्छी लगी हो तो इसे लाईक कर के अपने दोस्तों से भी शेयर करिए। क्या आपको पता चला कि कौन से चोर ने कौन सी कार चुराई है? उत्तर – अरूण -नैनो कार्तिक -अल्टो वरूण -जेन जैसा कि हम जानते हैं जिसने अल्टो चुराई है वह सच बोल रहा है जब कि अरूण और वरूण कह रहे हैं कि अल्टो उन्होने नही चुराई है इसका मतलब कार्तिक ने अल्टो चुराई है। और अल्टो चुराने वाला कार्तिक सच बोल रहा है यानि कि वरूण ने जेन कार चुराई है और अरूण ने नैनो कार। यह पोस्

दिमागी कसरत – दिमागी प्रश्न – बुद्धिमत्ता परीक्षण – हिंदी प्रश्न- जवाब

दिमागी कसरत – दिमागी प्रश्न – बुद्धिमत्ता परीक्षण – हिंदी प्रश्न- जवाब एक मंदिर मे 20 पुजारी रहते थे। एक दिन वहां भगवान प्रकट हुए और कहा तुम मे से एक पुजारी पापी है और जो पापी है उसके मस्तक पे कल सुबह एक काला निशान पड़ जाएगा। और जैसे ही पुजारी को उसके मस्तक पे निशान का पता चल जाए वो पुजारी प्रायश्चित्त के लिए मंदिर छोड़ कर चला जाए। और साथ ही भगवान ने ये भी कहा कि किसी को दर्पण (मिरर) नही देखना है और ना ही आपस मे बात करना है। अब आप ही इस मुश्किल का हल बताइए कि बिना दर्पण देखे और आपस मे एक दूसरे से बात किए बिना पुजारी को कैसे पता चलेगा कि उसके मस्तक पे काला निशान है? दोस्तों जवाब तो हमने दिया पर आप इस प्रश्न को खुद सुलझाने का प्रयास अवश्य करें। और अगर सुलझा लिया तो कमेंट बाक्स मे उत्तर लिखें और इस पोस्ट को अपने दोस्तों से भी शेयर करें। उत्तर – अगले दिन जिस पुजारी को दूसरे पुजारियों के माथे पर काला निशान नही दिखेगा, तो वह समझ जाएगा कि काला निशान उसके मस्तक पर है यह पोस्ट कोपीराईट है- उलझेंगे तो सुलझेंगे भी, उलझेंगे ही नहीं तो सुलझेंगे कैसे? पर उलझे ही रहने में भी किसी किसी को सुख महसूस होता

एक कमरे में चार सौ आदमी है। उसमे से दो सो गए तो अब कमरे में कितने आदमी बचे ?

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एक कमरे में चार सौ आदमी है। उसमे से दो सो गए तो अब कमरे में कितने आदमी बचे ? दिमागी कसरत- जवाब- 400 यह पोस्ट कोपीराईट है- उलझेंगे तो सुलझेंगे भी, उलझेंगे ही नहीं तो सुलझेंगे कैसे? पर उलझे ही रहने में भी किसी किसी को सुख महसूस होता है और कुछ लोग इस डर से कि रहने दो, कौन उलझे, जिन्दगी भर / अन्त तक दुविधा में ही पड़े रहते हैं । अपनी अपनी प्रकृति है, कोऊ काहू में मगन, कोऊ काहू में मगन ! किन्तु कुछ लोग सिर्फ इसलिए भी उलझन में फँसे रहते हैं क्योंकि वे यथार्थ से पलायन करना चाहते हैं, यथार्थ को देखना तक नहीं चाहते । यथार्थ को जानना / समझना भी उन्हें अनावश्यक झमेला प्रतीत होता है ! सुविधापसंद ऐसे लोग भी अपने तरीके से सुखी / दुःखी होने के लिए मज़बूर / स्वतंत्र तो होते ही हैं !   ज्यादातर लोगों को मुश्किल लगने वाले दिमागी सवाल हल करने में मजा आता है। कुछ सवाल तो ऐसे होते हैं जिसे सुनने के बाद लोग हार मान जाते हैं कि उनसे नही होगा तो कुछ लोग उसमे पर्सनल इंटरेस्ट लेते हैं और उस सवाल को हल कर के हीं मानते हैं। चलिए आज जानते हैं कुछ ऐसे हीं सवाल जिसे हल करना सभी के बस की बात नही होती है।

दिमागी कसरत- वो व्यक्ति घर पे ज्यादा से ज्यादा कितने नारियल ले जा सकता है ?

दिमागी कसरत-  वो व्यक्ति घर पे ज्यादा से ज्यादा कितने नारियल ले जा सकता है ? एक व्यक्ति के पास 3 थेली है – तीनो थेली ले के वो नदी किनारे नारियल लेने जाता है – तीनो थेली में 30-30 नारियल भरता है (1 थेली में 30 नारियल की ही जगह है) – एसे कर के वो 90 नारियल लेता है – घर जाते समय रास्ते में 30 टोल नाके आते हैं – इन टोल नाको के नियम कुछ एसे हैं की आप के पास जितनी थेलिया हैं उतने नारियल वहां देने पड़ते हैं – तो वो व्यक्ति घर पे ज्यादा से ज्यादा कितने नारियल ले जा सकता है ? _______________________ जवाब- टोटल- 90 नारियल टोटल- 30 टोल नाके प्रथम- 10 टोल नाके पर जितनी थेलिया हैं उतने नारियल के हिसाब से 30 नारियल दिये मतलब अब 2 ही थेलिया हैं दूसरे - 15 टोल नाके पर जितनी थेलिया हैं उतने नारियल के हिसाब से 30 नारियल दियेमतलब अब 1 ही थेलि हैं तीसरे - बचे 5 टोल नाके पर जितनी थेलिया हैं उतने नारियल के हिसाब से 5 नारियल दिये । टोल नाके हुऐ- 30 नारियल- 65 घर पे ज्यादा से ज्यादा 25 नारियल ले जा सकता है । यह पोस्ट कोपीराईट है- उलझेंगे तो सुलझेंगे भी, उलझेंगे ही नहीं तो सुलझेंगे कैसे? पर उलझे ही रहने में भी

दिमागों वाला प्रश्न- 100 लोग एक लाइन में खड़े हैं. नंबर 1 से नंबर 100 तक.

दिमागों वाला प्रश्न- 100 लोग एक लाइन में खड़े हैं. नंबर 1 से नंबर 100 तक. नंबर 1 के पास एक तलवार हैं, वो अपने से अगले (नंबर 2) को मारकर तलवार को उसके अगले (नंबर 3) को दे देता हैं, इसी प्रकार सभी लोग अपने से अगले आदमी को मारकर उसके अगले आदमी को तलवार दे देते हैं . (नंबर 3 नंबर 4 को मारकर तलवार नंबर 5 को दे देता हैं और इसी प्रकार चक्र चलता हैं) अगर ऐसे ही चलता रहे और बचे हुए लोगो के बीच में ये चक्र दोहराया जाए, जब तक की सिर्फ़ एक आदमी शेष बचे तो कौन से नंबर का आदमी अंत में अकेला बचेगा? जवाब- 99 नंबर का आदमी को 100 को मारकर यह पोस्ट कोपीराईट है- उलझेंगे तो सुलझेंगे भी, उलझेंगे ही नहीं तो सुलझेंगे कैसे? पर उलझे ही रहने में भी किसी किसी को सुख महसूस होता है और कुछ लोग इस डर से कि रहने दो, कौन उलझे, जिन्दगी भर / अन्त तक दुविधा में ही पड़े रहते हैं । अपनी अपनी प्रकृति है, कोऊ काहू में मगन, कोऊ काहू में मगन ! किन्तु कुछ लोग सिर्फ इसलिए भी उलझन में फँसे रहते हैं क्योंकि वे यथार्थ से पलायन करना चाहते हैं, यथार्थ को देखना तक नहीं चाहते । यथार्थ को जानना / समझना भी उन्हें अनावश्यक झमेला प्रतीत होता

100Rs. को 7 पर्स में इस तरह से डालो की 1 से 100 तक मै कितने भी रुपए मांगू, सीधा पर्स उठा के दे दो.

100Rs. को 7 पर्स में इस तरह से डालो की 1 से 100 तक मै कितने भी रुपए मांगू, सीधा पर्स उठा के दे दो. जवाब- पर्स नंबर 1- 1 रुपया पर्स नंबर 2- 2 रुपया पर्स नंबर 3- 4 रुपया पर्स नंबर 4- 8 रुपया पर्स नंबर 5- 16 रुपया पर्स नंबर 6- 32 रुपया पर्स नंबर 7- 37 रुपया यह पोस्ट कोपीराईट है- उलझेंगे तो सुलझेंगे भी, उलझेंगे ही नहीं तो सुलझेंगे कैसे? पर उलझे ही रहने में भी किसी किसी को सुख महसूस होता है और कुछ लोग इस डर से कि रहने दो, कौन उलझे, जिन्दगी भर / अन्त तक दुविधा में ही पड़े रहते हैं । अपनी अपनी प्रकृति है, कोऊ काहू में मगन, कोऊ काहू में मगन ! किन्तु कुछ लोग सिर्फ इसलिए भी उलझन में फँसे रहते हैं क्योंकि वे यथार्थ से पलायन करना चाहते हैं, यथार्थ को देखना तक नहीं चाहते । यथार्थ को जानना / समझना भी उन्हें अनावश्यक झमेला प्रतीत होता है ! सुविधापसंद ऐसे लोग भी अपने तरीके से सुखी / दुःखी होने के लिए मज़बूर / स्वतंत्र तो होते ही हैं !   ज्यादातर लोगों को मुश्किल लगने वाले दिमागी सवाल हल करने में मजा आता है। कुछ सवाल तो ऐसे होते हैं जिसे सुनने के बाद लोग हार मान जाते हैं कि उनसे नही होगा तो कुछ लोग उसमे