आप बता सकते हैं कि ये हत्या है या आत्महत्या?

पुलिस ने जब एक अपराधी के घर का दरवाजा तोड़ा तो उसे वहाॅ एक व्यक्ति की लाश फाॅसी पे लटकी हुई मिली और कमरे मे चारो तरफ सिर्फ पानी ही पानी था। कमरे मे आने जाने का एकमात्र रास्ता वही दरवाजा था जिसे तोड़कर पुलिस वाले अंदर आए थे जो कि अंदर से बंद था। कमरे मे एक भी कुर्सी,टेबल या ऐसा कुछ भी नही था जिसपे चढ़ के फाॅसी लगाया जा सके। सब सोच मे पड़े हैं कि ये हत्या है या आत्महत्या। कोई भी कुछ भी पूरे विश्वास से नही कह पा रहा है।
क्या आप बता सकते हैं कि ये हत्या है या आत्महत्या? उत्तर जानने के लिए कमेंट बाक्स मे कमेंट करें और अपने दोस्तों से शेयर करें।
उत्तर-
आत्महत्या . जैसा कि बताया गया है , कमरे मे आने जाने का एक ही रास्ता था जो कि अंदर से बंद था और पूरे कमरे मे पानी के अलावा कुछ भी नही था. उसने बर्फ के बड़े टुकड़े पर खड़े होकर फाॅसी लगाया और पुलिस के आने के पहले बर्फ पिघल गई जिसकी वजह से कमरे मे पानी फैल गया.



यह पोस्ट कोपीराईट है-
उलझेंगे तो सुलझेंगे भी, उलझेंगे ही नहीं तो सुलझेंगे कैसे?
पर उलझे ही रहने में भी किसी किसी को सुख महसूस होता है और कुछ लोग इस डर से कि रहने दो, कौन उलझे, जिन्दगी भर / अन्त तक दुविधा में ही पड़े रहते हैं । अपनी अपनी प्रकृति है, कोऊ काहू में मगन, कोऊ काहू में मगन ! किन्तु कुछ लोग सिर्फ इसलिए भी उलझन में फँसे रहते हैं क्योंकि वे यथार्थ से पलायन करना चाहते हैं, यथार्थ को देखना तक नहीं चाहते । यथार्थ को जानना / समझना भी उन्हें अनावश्यक झमेला प्रतीत होता है ! सुविधापसंद ऐसे लोग भी अपने तरीके से सुखी / दुःखी होने के लिए मज़बूर / स्वतंत्र तो होते ही हैं !  

ज्यादातर लोगों को मुश्किल लगने वाले दिमागी सवाल हल करने में मजा आता है। कुछ सवाल तो ऐसे होते हैं जिसे सुनने के बाद लोग हार मान जाते हैं कि उनसे नही होगा तो कुछ लोग उसमे पर्सनल इंटरेस्ट लेते हैं और उस सवाल को हल कर के हीं मानते हैं। चलिए आज जानते हैं कुछ ऐसे हीं सवाल जिसे हल करना सभी के बस की बात नही होती है।

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